जाने कब मनाया जाएगा जीवित्पुत्रिका व्रत ?



आखिर जीवित्पुत्रिका व्रत कब मनाना है इस बात को ले कर लोगो के मन में काफी संशय बना हुआ है?
ऐसे में आज मुजफ्फरपुर के ब्रह्मपुरा स्थित बाबा सर्वेश्वर नाथ मंदिर सह महामाया स्थान में सर्व ब्राह्मण सभा का आयोजन किया गया सभा का संचालन पं० प्रभात मिश्रा ने किया सभा के मुख्य अतिथि के रूप में शहर के विद्वान पंडित आचार्य श्रीदत्त मिश्र, पं०योगेंद्र शास्त्री, डॉ०हृषिकेश उपाध्य आचार्य अभिनय पाठक,आचार्य हरिशंकर पांडेय सहित सभी विद्वान ब्राम्हणों ने कहा कि अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की उदया अष्टमी तिथि को जितिया व्रत को करना उचित है महिलाएं अपने पुत्र की दीर्घायु और पुत्र रत्न की प्राप्ति के लिए 24 घंटे निर्जला उपवास रखतीं हैं. इस साल यह 6अक्टूबर शुक्रवार को नहखाय व्रत 7 अक्टूबर को 2023 दिन शनिवार को यह व्रत रखा जाएगा, और पारण 8 को पारण सूर्योदय के बाद करना उचित है इस व्रत को माताएं अपनी संतान की लंबी आयु समृद्धि एवं उन्नति के लिए इस व्रत को रखेंगी. सभा में विभिन्न शहरों एवं गावों से लगभ 200 से अधिक ब्राम्हणों की उपस्थिति हुई जिसमें मुख्य रूप से महंत संजय ओझा, आचार्य रंजीत मिश्रा, पं० चन्दन मिश्र,पं०अंजय मिश्र, पं० अजित मिश्र पं० शुशील मिश्रा, गुडु चौबे,पं०रंजीत मिश्र पं०चन्दन मिश्र पं० अजित तिवारी पं०रतनेश तिवारी पं०ओम प्रकाश तिवारी,विकाश झा,पं०किशोर मिश्र,आचार्य विवेक तिवारी,पं०उज्ज्वल पाठक, पं०लालबाबू तिवारी, पं०ओम प्रकाश तिवारी,विक्रम कुमार, पं०सुनील पांडेय सहित सभी पंडितों ने विश्वपंचांग का हवाला देते हुए कहा कि अश्वनी मास के कृष्ण पक्ष की उदयाअष्टमी तिथि को जितिया व्रत रखा जाएगा, ये व्रत 7 अक्टूबर 2023 को शनिवार पड़ेगा. इस व्रत का पारण 8 अक्टूबर रविवार को किया जयेगा..
व्रत वाले दिन शाम के समय नदी तालाब समुद्र आदि के किनारे या मंदिरों में बैठकर महिलाएं जिउतिया की कथा सुनती हैं. इसीलिए इस व्रत को काफी कठिन व्रत भी माना जाता है. महंत संजय ओझा ने कहा कि जितिया व्रत के एक दिन पहले से सभी तामसिक भोजन जैसे लहसुन,प्याज, मांसाहारी आदि का सेवन नहीं करना चाहिए. व्रत वाले दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करने के बाद मड़वे की रोटी, दही, चूड़ा, चीनी और अन्य चीज तैयार प्रसाद को देवी देवताओं और अपने पूर्वजों को अर्पित करने के पूरा परिवार इस प्रसाद को ग्रहण करता है, प्रसाद ग्रहण करने के उपरांत अगले 24 घंटे तक व्रत करने वाली महिलाएं किसी भी तरीके का फल फूल या जल ग्रहण नहीं करती है.
व्रत का सही निर्णय-
* 6 अक्टूबर 2023 को नहखाय
* 7 अक्टूबर 2023 को व्रत करें
* 8 अक्टूबर 2023 को पारण करें ।