मुजफ्फरपुर : जिला में पिछले दिनों लड़की के अपहरण के बाद जिस्मफरोशी के धंधे के लिए उसे बेच देने के मामले को लेकर जब बिहार दस्तक की टीम ने पड़ताल शुरू की तो काफी कुछ मामले सामने आए हैं।
मुजफ्फरपुर का एक इलाका है जिसे चतुर्भुज स्थान कहा जाता है; जहां अलग-अलग जगहों से लड़कियों को लाकर उन्हें जिस्मफरोशी की धंधा के लिए जबरन मजबूर किया जाता है। धीरे-धीरे या मजबूरी उनके लिए एक पेशा बन जाता है। चतुर्भुज स्थान में अलग-अलग मकानों में इस प्रकार के धंधे किए जाते हैं। परंतु जिस्मफरोशी का धंधा अब मुजफ्फरपुर में सिर्फ चतुर्भुज स्थान तक ही सीमित नहीं है। मुजफ्फरपुर के पश्चिमी इलाके के चांदनी चौक, बैरिया, भगवानपुर, गोबरसही आदि तक जिस्मफरोशी का धंधा फैल चुका है।आपको जानकर हैरानी होगी कि मुजफ्फरपुर के पश्चिमी इलाके में ऐसा कोई खास जगह नहीं है जहां पर इस प्रकार का धंधा किया जाता है; बल्कि जिस्मफरोशी करने वाली युवतियाँ खुद ग्राहकों तक पहुंच जाती हैं। चांदनी चौक से गोबरसही तक के इलाके में ट्रकों की लंबी कतार लगी रहती है। जिन ट्रकों में ट्रक के ड्राइवर व खलासी भी मौजूद होते हैं। यह युवतियाँ उन्हीं ट्रक ड्राइवरों को टारगेट बनाकर उन तक पहुंचती है; और वही ट्रक में ही इस प्रकार के जिस्मफरोसी के कार्य को अंजाम दिया जाता है।
बिहार दस्तक की ओर से की गई पहल पर काफी कुछ साक्ष्य सामने आए हैं। रात्रि के 8-9 बजे के बाद से ही हैं महिलाएं सक्रिय हो जाती हैं और अपने ग्राहकों पर डोरे डालना शुरू कर देती हैं। बिहार दस्तक ने ट्रक ड्राइवरों से भी बातचीत करनी चाही, तो एक ट्रक ड्राइवर ने अपनी पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि पहले तो युवतियाँ आकर उनसे सीधे तौर पर जिस्मफरोसी के लिए पूछती हैं। 500 से ₹600 की मांग भी करती हैं; और जरूरत पड़ने पर मोलभाव भी करती हैं। ट्रक ड्राइवर द्वारा पूछे जाने पर वह सीधे तौर पर कहती हैं कि पुलिस का कोई खौफ नहीं है वहां सब कुछ सेटिंग है।
अब आपको बताएं कि पहले या कारोबार ब्रह्मपुरा थाना क्षेत्र के चांदनी चौक एवं कांटी थाना क्षेत्र के सद्दातपुर तक ही सीमित था। गुप्त सूत्रों से यह ज्ञात हुआ है कि इन महिलाओं का संपर्क कांटी रोड के कई होटल संचालकों के साथ भी है। जहां रात्रि के समय बहुत कम रुपए में कमरे तक की व्यवस्थाएं हो जाती हैं।
इन तमाम मुद्दों पर जब रात्रि के समय सेवा दे रहे हैं रिक्शा चालको एवं स्थानीय कुछ लोगों से जब बातचीत की गई तो पता चला कि प्रशासन की मिलीभगत से भी इस कार्य को अंजाम दिया जाता है। कई बार प्रशासन सख़्ती भी करती है, तो कई बार हिस्सा लेकर इन युवतियों को आसानी से छोड़ दिया जाता है। एक रिक्शा संचालक ने बताया कि एक-एक पुलिस पदाधिकारियों को इन तमाम घटनाओं के विषय में जानकारी है। रात्रि में कई पुलिस पदाधिकारी भी आते हैं। हालांकि बिहार दस्तक इन बातों की पुष्टि तो नहीं करता है, परंतु यह एक बड़ा सवाल जरूर है कि बिना प्रशासन की जानकारी इतने बड़े क्षेत्र में आसानी से जिस्मफरोशी का धंधा करना आसान तो नहीं है।
हर उम्र की होती हैं युवतियाँ
बताया जा रहा है कि छोटी उम्र से लेकर बड़ी उम्र की भी महिलाएं यहां मौजूद होती हैं। कई महिलाओं का काम सिर्फ ट्रक ड्राइवरों आदि से बातचीत कर डील फिक्स कराना होता है। जिसके बाद दूसरी लड़कियों को फोन कर बुलाया जाता है।
छानबीन में अज्ञात हुआ कि इस पूरी सरगना की एक मुख्यलीडर होती है जो सभी युवतियों को संचालित करती हैं। सभी युवतियाँ उसकी एक लीडर के इशारे पर कार्य करती हैं। यह जो मुख्य लीडर है या अलग-अलग जगहों से युवतियों को बहला कर फुसलाकर लाती है और जबरन इस प्रकार के कार्यों में ढकेल देती हैं।
अब जब तक इस प्रकार के कार्यों पर रोक नहीं लगाई जाएगी; समाज से बहू बेटियों का अपहरण होना नहीं रुकेगा। क्योंकि इस तरह के काम करने वाले लोगों को हमेशा युवतियों की आवश्यकता होती हैं और अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए इस प्रकार के घिनौने घटनाओं को अंजाम देते हैं। यदि हमें अपने मुजफ्फरपुर शहर को सुरक्षित रखना है तो निश्चित तौर पर इस प्रकार के हो रहे कार्यों पर रोक लगाने की आवश्यकता है। इसमें प्रशासन की भूमिका रही काफी महत्वपूर्ण होगी।
इस प्रकार की घटना लगातार कई वर्षों से हो रही है; खुलेआम जिस्मफरोशी का धंधा भी कई सालों से चल रहा है। बिहार दस्तक ने आज से लगभग 5 वर्ष पूर्व भी इस प्रकार की घटनाओं पर खबर बनाते हुए प्रशासन को जगाने का कार्य किया था। परंतु कुछ दिनों तक रोक लगाए जाने के बावजूद भी अब फिर से यह धंधे आसानी से चल पा रहे हैं। जिस पर अब रोक लगाना आवश्यक हो गया है।