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पुष्पम प्रिया चौधरी के पिता के श्राद्ध कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार |
बिहार में पिछले कई दशकों से लालू नीतिश और भाजपा का शासन रहा हैं। और बीते कुछ दशकों में बिहार की राजनीतिक पृष्ठभूमि में काफी कुछ बदलाव के बावजूद भी बिहार का शिक्षा स्तर, स्वास्थ्य स्तर, विकास स्तर सब के ऊपर सवालिया निशान लगता रहा है।
इस बीच बिहार की राजनीति में कई राजनीतिक धुरंधर प्रवेश करने के लिए नीतीश कुमार के इर्द-गिर्द घूमते रहे। किसी ने कभी सत्ता का स्वाद नीतीश कुमार के साथ चखा तो कभी नीतीश कुमार का विरोधी हो गया।
पर सन 2020 के मार्च महीने समाचार पत्रों में विज्ञापन के माध्यम से बिहार की राजनीति में एंट्री मारी पुष्पम प्रिया चौधरी ने तब बिहार में लोगों को एक नई राजनीतिक औसर नजर आने लगा।
पुष्पम प्रिया चौधरी ने प्रण लिया कि वह नीतीश कुमार को सत्ता से हटा कर रहेंगी। उन्होंने बिना किसी गठबंधन 2020 के विधानसभा चुनाव में बिहार के 148 सीटों से उम्मीदवार उतारे।
बिहार ही नहीं बल्कि पुरे देश में यह चर्चा का विषय बना हुआ था, किसी पार्टी ने जाति-मजहब आदि से ऊपर उठकर पढ़े-लिखे उम्मीदवारों को टिकट देकर राजनीतिक अखाड़े में उतारा है।
हालांकि चुनाव के नतीजे निराशाजनक रहे और पुष्पम प्रिया चौधरी को एक भी जीत हासिल नहीं हुई। परंतु विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार सहित अन्य राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ चुनाव लड़ कर पुष्पम प्रिया चौधरी ने बिहार की राजनीति में अपना एक स्थान बना लिया।
नीतीश के खिलाफ राजनीतिक विगुल फुकने के लगभग 3 साल के बाद आज पुष्पम प्रिया चौधरी का सामना नीतीश कुमार से हुआ।
दरअसल पुष्पम प्रिया चौधरी के पिता डॉ विनोद चौधरी नीतीश कुमार के पुराने साथ ही रहे हैं। विनोद चौधरी के भाई दरभंगा के बेनीपुरी विधानसभा के विधायक हैं। वहीं इनके पिता की भी बड़ी राजनीतिक विरासत रही है।
पुष्पम प्रिया चाहती तो उस राजनीतिक विरासत को वह संयोज कर राजनीति में नीतीश कुमार के साथ उतर सकती थी। परंतु बिहार के वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए उन्होंने नीतीश कुमार के खिलाफ चुनाव लड़ने का बिगुल फूंक दिया।
आज जब पिता के श्राद्ध कार्यक्रम के दौरान नीतीश कुमार से उनकी मुलाकात हुई तब उन्होंने मीडिया से बातचीत में बताया कि " उनके पिता डॉ विनोद चौधरी एक महान पुरुष थे, पर नीतीश कुमार उनके पिता के नेता थे, पर नीतीश कुमार उनके नेता नहीं है।" राजनीतिक प्रतिद्वंदिता आज भी उतनी ही है जितनी कि पहले थी।
जब नीतीश कुमार दरभंगा विनोद चौधरी के श्राद्ध कार्यक्रम में पहुंचने वाले थे, तो नीतीश और पुष्पम प्रिया चौधरी के मुलाकात को लेकर काफी अटकलें लगाई जा रही थी। परंतु पुष्पम प्रिया चौधरी ने काफी स्पष्ट तौर पर बताया आज नीतीश कुमार से मिलने का औसर ही कुछ दूसरा था, और ऐसे माहौल में किसी राजनीतिक विषय पर चर्चा होना ही संभव नहीं था।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब शोकाकुल परिवार से मिले तब पुष्पम प्रिया के चेहरे पर मास्क था। मीडिया में चर्चा का विषय बनी यह तस्वीर देखने से लग रहा है कि इन दोनों के बीच बातचीत भी हुई। मुख्यमंत्री नीतीश ने विनोद चौधरी की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित की। और साथ ही विनोद चौधरी की पत्नी डॉ सरोज चौधरी और प्लुरल्स पार्टी की सुप्रीमो पुष्पम प्रिया चौधरी से बात की।