कुख्यात मंटू शर्मा के साथ वायरल तस्वीर के जरिए विधान पार्षद दिनेश सिंह पर पप्पू यादव ने साधा निशाना।
परंतु आज पप्पू यादव ने सोशल मीडिया पर तस्वीर को वायरल करने के बाद एक मीडिया कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। जहां पप्पू यादव ने खुले तौर दिनेश सिंह पर सीधा निशाना साधा है। प्रेस वार्ता के दौरान अपने फोन से ही वह दिनेश सिंह और मंटू शर्मा की तस्वीरों को दिखाते दिखे। पप्पू यादव ने आरोप लगाया है कि दिनेश सिंह मुजफ्फरपुर में घटित हो रही लगभग सभी बड़े अपराधों में सम्मिलित हैं।
हालांकि दिनेश सिंह का नाम आशुतोष शाही हत्याकांड में कहीं भी दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहा है। वही मुजफ्फरपुर में पहले भी घटित हुई बड़ी घटनाओं में समीर हत्याकांड से भी दिनेश सिंह का नाम जोड़ने की कोशिश की जा रही थी, परंतु प्रशासनिक किसी भी कार्रवाई में दिनेश सिंह का नाम कहीं भी नजर नहीं आया।
राजनीतिक गलियारों में दिनेश सिंह का नाम हमेशा ही चर्चा का विषय बना रहता है। शक के आधार पर बालिका गृह कांड में भी लोग दिनेश सिंह के नाम का चर्चा कर रहे थे। परंतु सच एकदम विपरीत है; दिनेश सिंह का नाम किसी भी केस में दूर-दूर तक कहीं भी दर्ज नहीं है।
हालांकि मंटू शर्मा के साथ वायरल हुए इस तस्वीर को लेकर दिनेश सिंह पर लोग फिर से सवाल जरूर उठा रहे हैं। वही मंटू शर्मा गिरोह का ही पूर्व साथी शंभू सिंह दिनेश सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ चुका है।
दिनेश सिंह को मुजफ्फरपुर में किंग में कर बताया जाता है। नगर निगम से जिला परिषद तक दिनेश सिंह की बड़ी धाक बताई जाती है। दिनेश सिंह जदयू कोटे से विधानसभा सदस्य हैं, वहीं उनकी पत्नी वीणा देवी भाजपा की सदस्य एवं वैशाली जिला की सांसद हैं। दिनेश सिंह की छोटी बेटी कोमल सिंह भी बीते कुछ दिनों से राजनीतिक तौर पर जिले में सक्रिय हैं।
दिनेश सिंह की बेटी कोमल सिंह पूर्व में लोजपा के टिकट पर गायघाट विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ चुकी हैं।
गौरतलब हो कि दिनेश सिंह पर राजनीतिक तौर पर या अन्य कई माध्यमों से आरोप तो कई लग रहे हैं पर दिनेश सिंह का सीधा कनेक्शन किसी भी अपराध के साथ अब तक नजर नहीं आया है, ना ही किसी प्रकार के प्रशासनिक कार्रवाई में दिनेश सिंह का नाम का चर्चा किया गया है।
मुजफ्फरपुर के पूर्व महापौर समीर कुमार के हत्याकांड में दिनेश सिंह का नाम काफी सुर्खियों में था। बताया जा रहा था कि समीर कुमार के व्यवसायिक सहयोगी होने के कारण दिनेश सिंह ने समीर कुमार की हत्या करा दी होगी, परंतु समीर कुमार की पत्नी ने अपने घर से ही दिनेश सिंह और वीणा देवी के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह बताया था कि दिनेश सिंह और उनके परिवार के साथ उनके संबंध काफी अच्छे रहे हैं। और उनके पति समीर कुमार के हत्याकांड में इन लोगों की संलिप्तता की कोई गुंजाइश नजर नहीं आ रही है। हालांकि समीर कुमार हत्याकांड को अब लगभग 5 साल हो चुके हैं अब तक किसी प्रकार के प्रशासनिक कार्यवाही में दिनेश सिंह का नाम कहीं भी सामने नहीं आया है।
बालिका गिरी कांड में भी दिनेश सिंह का नाम राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई थी, परंतु उस कांड को भी काफी वर्ष हो चुके हैं। बालिका गृह कांड का मुख्य आरोपी बृजेश ठाकुर अभी सलाखों के पीछे अपनी सजा काट रहा है। कई वर्ष बीत जाने के बाद भी अब तक दिनेश सिंह का नाम किसी भी प्रकार से बालिका गृह कांड में नहीं आया हैं।
अब इसके दो वजह हो सकते हैं। या तो दिनेश सिंह को राजनीतिक षड्यंत्र के तहत बार-बार उनका नाम लेकर बदनाम करने की साजिश रची जा रही है, या फिर दिनेश सिंह का वर्चस्व इतना ज्यादा है कि किसी भी प्रकार के कांड में वह अपना नाम आने नहीं देते हैं।
मुजफ्फरपुर के स्थानीय लोगों से यदि बातचीत की जाए तो वह जरूर बताते हैं कि दिनेश सिंह का खौफ तो है। दिनेश सिंह के विरुद्ध जाने के लिए लोग तैयार नहीं होते हैं, वही लोगों का कहना है। कि अब तक दिनेश सिंह पर कई प्रकार के आरोप लगते सुने जरूर हैं, और कभी किसी प्रकार की कार्रवाई होती नजर नहीं आई है।