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6 ज्ञात एवं अन्य अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज कर होगी कारवाई |
मुजफ्फरपुर : नगर में बीते 21 जुलाई को चर्चित प्रॉपर्टी डीलर एवं पूर्व लोकसभा प्रत्याशी आशुतोष शाही की बेरहमी से हत्या किए जाने के मामले में प्रशासन काफी हरकत में दिख रही है। इस प्रकरण में 23 जुलाई को FIR दर्ज कराया गया है जिसमे आशुतोष शाही के पत्नी के बयान के आधार पर 6 ज्ञात एवं अन्य अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज की गई है।
इन पर आर्म्स एक्ट, घटना को अंजाम देने, एवं हत्या की साजिश रचने के संदर्भ में कार्रवाई की जाएगी।
अब तक दो की गिरफ़्तारी, एक पर निगरानी
उक्त कांड मामले में अब तक 2 लोगों की गिरफ्तारी की गई है, वह एक पर इलाज के दौरान हॉस्पिटल में ही निगरानी रखी गई है।
नगर थाना क्षेत्र के चांदगोठी कैंपस के निवासी शेरू अहमद की गिरफ्तारी की गई है, वही नगर के चर्चित प्रॉपर्टी डीलर जलालपुर, वैशाली के निवासी विक्कू शुक्ला की भी गिरफ्तारी की गई है। उक्त मामले में अभियुक्त वकील कासिम हुसैन उर्फ़ डॉलर पर इलाज के दौरान ही निगरानी रखी जा रही है। ज्ञात हो की कासिम हुसैन को आशुतोष शाही की हत्या के दौरान ही अपराधियों ने पैर और हाथ में गोली मारी थी। जिस पर आशुतोष राय की हत्या हुई उस वक्त वह वकील कासिम हुसैन के ही निवास पर मौजूद थे।
मामला को विस्तार से समझे
प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही का नाम नगर के पूर्व महापौर समीर कुमार के हत्या के बाद सुर्खियों में आया था। प्रशासन ने आशुतोष शाही को समीर हत्याकांड में अभियुक्त भी बनाया था। जिसके बाद उनके खिलाफ वारंट निकाल दिया गया था, बड़ी मशक्कत से उन्हें बेल मिल पाई थी।
इसके बाद आशुतोष शाही ने अपना राजनीतिक कैरियर बनाने की कोशिश की, और 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी अजय निषाद के खिलाफ निर्दलीय पर्चा भरा। परंतु उनका नामांकन रद्द कर दिया गया। जिसके बाद से ही आशुतोष का ही सामाजिक और राजनीतिक तौर पर भी सक्रिय नजर आए।
मुजफ्फरपुर एवं आसपास के जिले में आशुतोष शाही को भूमिहार जाति का नेता भी बताया जाता है। आशुतोष साही के करीबी बताते हैं कि वह समाज और अपने आसपास के लोगों के लिए काफी कुछ करते थे।
बरहाल आपको बताएं कि पूर्व महापौर समीर कुमार की हत्या की वजह अब तक सामने नहीं आ पाई है, परन्तु मुजफ्फरपुर के कल्याणी चौक स्थित जमीन विवाद को लेकर जब वह सक्रिय तौर पर सामने आए तब उनकी हत्या कर दी गई। हाला की हत्या की वजह कुछ और भी हो सकती है, परंतु इत्तेफाक देखिए कि आशुतोष शाही भी उस जमीन को लेकर बीते कुछ दिनों से चर्चा का विषय बने हुए थे। इसी दौरान 21 जुलाई 2017 को रात्रि में मुजफ्फरपुर नगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत मारवाड़ी हाई स्कूल के निकट आशुतोष शाही अपने तीन बॉडीगार्ड के साथ अधिवक्ता कासिम हुसैन उर्फ डॉलर के निवास स्थान पर पहुँचे। वहां किसी कागज को दिखाकर वह किसी केस के संदर्भ में जानकारी लेना चाह रहे थे। इसी दौरान चार हत्याबंद अज्ञात लोग कमरे में घुसते हैं और आशुतोष शाही एवं उनके निजी अंगरक्षको पर गोली बरसा देते हैं। इस दौरान आशुतोष शाही, उनके निजी अंगरक्षक निजामुद्दीन एवं राहुल की मौत हो जाती है। वही वकील क़ासिम हुसैन उर्फ डॉलर एवं आशुतोष साही के तीसरे अंगरक्षक ओम नाथ घायल हो जाते हैं।
आधुनिक हथियार के साथ अपराधी इस घटना को अंजाम देते हैं जिसके बाद स्थानीय एवं पड़ोस के लोगों ने 112 नंबर के माध्यम से प्रशासन को इस पूरी वारदात की जानकारी दी। परंतु घटनास्थल पर प्रशासन को पहुंचने में देरी हो जाती है।
इसके बाद प्रशासन अलग अलग तरीके से कार्रवाई करती नजर आ रही है। उक्त कांड की गंभीरता को देखते हुए वरीय पुलिस अधीक्षक के द्वारा नगर पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में 6 अलग-अलग टीमों का गठन किया है। उक्त टीम के द्वारा DLU एवं STF के साथ अभियुक्तों के संभावित ठिकाने पर लगातार छापेमारी की जा रही है। वरीय पुलिस अधीक्षक मुजफ्फरपुर के निर्देश में कांड के अब तक नामजद अभियुक्त की गिरफ्तारी एवं घटनाक्रम में घायल हुए वकील पर खास निगरानी की जा रही है। घायल वकील का इलाज इस वक्त पटना में चल रहा है।
मुजफ्फरपुर के पुलिस प्रशासन का कहना है इस पूरे वारदात का कारण जमीन खरीद फरोख्त एवं पुरानी रंजीश हैं। बाकी अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु भी संभावित ठिकानों पर लगातार छापेमारी की जा रही है।